यह पूरा ब्रह्माण्ड अनेको अजीबो-गरीबो रहस्यों से घिरा हुआ है | ब्रह्मा जी ने इस सृष्टि की रचना करते समय मनुष्य को इन सब बातो से दूर रखा था | आज की दुनिया में भी अनेको ऐसे राज है जो आज भी गुप्त है | आज हम आपको ऐसे ही रहस्य के बारे में बताने जा रहे है | भारत के हिमाचल प्रदेश में एक मंदिर स्थित है | इसके बारे में कहा जाता है की भारत में इस मंदिर में करोडो रूपये का खजाना छिपा हुआ है | आईये इस रहस्य को विस्तार से जानते है |
यह मंदिर हिमाचल प्रदेश में मंडी के लगभग 68 किलोमीटर दूर रोहांडा में यह मंदिर स्थित है | इसे कमरुनाग मंदिर कहा जाता है | इस मंदिर के बारे में कहा जाता है किस इस मंदिर में करोडो रूपये का खजाना दबा हुआ है | जिसे हिमाचल प्रदेश की सरकार खुद नहीं निकाल सकती है | मान्यतानुसार इस खजाने की रक्षा स्वयं नागदेवता कर रहे है | इसलिए इस मंदिर के खजाने को कोई छु भी नहीं सकता है |
दरअसल यह खजाना इस मंदिर में नहीं है बल्कि यह एक झील में स्थित है जिसकी रक्षा शेषनाग द्वारा की जाती है | महाभारत के अनुसार एक समय बर्बरीक नामक पांडव पुत्र था | उसके पास ऐसे तीन बाण थे जिससे सम्पूर्ण सेना का विनाश किया जा सकता था | बर्बरीक का मानना था की वह उस सेना की ओर से युद्ध करेगा, जो हारेगी |
इस बात का पता भगवान श्री कृष्ण को था | उन्हें यह भय सता रहा था की कही बर्बरीक पांडव सेना का ही विध्वंस ना कर दे | इसलिए उन्होंने बर्बरीक की परीक्षा लेना का फैसला किया | भगवान कृष्ण ने खुद परीक्षा लेकर यह निश्चय किया की वास्तव में बर्बरीक पांडव सेना के लिए खतरा है और उसे युद्ध करने से रोका जाना चाहिए |
इसलिए भगवान कृष्ण ने बर्बरीक को बातो में उलझा कर उससे वरदान में अपना सर मांग लिया | जिस वजह से बर्बरीक को अपना सर देना पड़ा | बर्बरीक की अंतिम इच्छा थी की उसके सर को ऐसे स्थान पर लगाया जाये जहाँ से वह महाभारत का युद्ध अपनी आँखों से देख सके | फिर भगवान कृष्ण ने बर्बरीक के सर को इसी स्थान पर लगाया था |
इसलिए महाभारत कालीन यह स्थल इतिहास की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है | यदि कोई भी व्यक्ति यहाँ शाम ढलते आता है और खजाने को हाथ लगाने की कोशिश करता है तो उसे नागदेवता के क्रोध का शिकार होना पड़ता है | घनी वादियों और सुन्दर पेड़-पोधो के बीच यह मंदिर अत्यंत मनोहर है |